खाना खाने के बर्तन भी ध्यान देने वाली चीज़ हैं। जिस घर में जूठे बर्तन इधर उधर बिखरे रहते हैं वहाँ कभी क्लेश समाप्त नहीं हो सकता। हमारा धर्म हमें भोजन को अच्छे ढ़ंग से परोसने और खिलाने पर बहुत जोर देता है।
इसके साथ ही बर्तन खंडित न हों ध्यान रखें-
1. सबसे पहले तो यह ध्यान रखें कि जिन बर्तनों में आप खाना खा रहे हैं वे बिल्कुल साफ और शुद्ध हों, वे जूठे बिल्कुल नहीं होने चाहिए और इसके साथ ही उनमें धोने के बाद भी चिकनाई रह गई हो तो भी यह बर्तन खाने योग्य नहीं हैं।
2. दूसरी बात याद रखें कि बर्तन कहीं से भी टूटा हुआ नहीं होना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार टूटा बर्तन घर में दरिद्रता लाता है। खाना तो दूर टूटे बर्तन घर पर ही न रखें।
3. यदि किसी बर्तन में कोई स्क्रेच जैसा निशान भी हो तो भी ऐसा बर्तन खाने के लिए उपयोग में लेने लायक नहीं है।
4. बर्तनों की धातुओं की बात करें तो पीतल के बर्तन सबसे अच्छे माने गए। फिर तांबे और कांसे का नंबर आता है पर ध्यान रहे इनमें बहुत देर तक भोजन न रखें, खराब जल्दी हो जाता है। यह धातुएं उपलब्ध न हों तो स्टील के बर्तन लें।
5. जितना हो सके प्रेशर कुकर क्योंकि ऐलुमिनियम का होता है, इस धातु से परहेज करें। यदि प्रेशर कुकर स्टील का मिलता है तो ठीक नहीं तो पतीले में दाल सबजी बना लें।