Bhimkund Mystery Hindi – यह तो हर भारतीय जानता है कि उसका यह प्यारा देश कई रहस्यों से भरा हुआ है। हर-पल कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ रहस्य से भरी बात हर किसी भारतीय के सामने आती ही रहती है।
ऐसा ही एक बेहद विचित्र रहस्य है जिसके सामने अमेरिका के मशहुर डिस्कवरी चैनल ने भी हार मान ली थी, उनके साथ गये सभी वैज्ञानिक इस रहस्य को कभी नहीं समझ सके थे। हम बात कर रहे हैं आइये जानते हैं आखिर भारत का ये कौन सा रहस्य है–
रहस्य को जानने के लिए आपको 5 हजार वर्ष पहले जाना होगा जब महाभारत काल था। कहा जाता है कि पांडवो ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय इस क्षेत्र में बिताया था। जिस जगह उनके रहने के प्रमाण मिलते हैं वह छतरपुर जिले में भीमकुंड के नाम से जाना जाता है। यह जिला मुख्यालय छतरपुर से करीब 80 किमी दूर सघन वनों के बीच बाजना कस्बा के पास है।
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भीम के गदा के प्रहार से बना भीमकुंड
चारों ओर से कई प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और वृक्षों से आच्छादित भीमकुंड के बारे में कहा जाता है कि यह भीम के गदा के प्रहार से अस्तित्व में आया था। जनश्रुतियों के अनुसार अज्ञातवास के समय जंगल में विचरण के समय द्रोपदी को प्यास लगी तो उन्होंने भीम से पानी लाने को कहा। भीम ने वहां एक स्थान पर अपनी गदा से पूरी ताकत से प्रहार किया तो वहां पाताली कुंड निर्मित हुआ और अथाह जल राशि नजर आई जिसके बाद से इसका नाम भीमकुंड हो गया।
ऐसा नील-निर्मल नीर शायद कहीं और नहीं
कुंड के जल की खासियत यह है कि यह अत्यंत निर्मल और नीले रंग का व पारदर्शी है। जिसकी वजह से कुंड की काफी गहराई तक अंदर तक की चीजें नजर आती हैं। कहा जाता है कि इसका पानी हिमालय के पानी जैसी गुणवत्ता वाला मिनरल वाटर है। लोग इसका जल बोतलों में भरकर अपने साथ ले जाते हैं।
कोई नहीं नाप सका इसकी गहराई को
भीमकुंड का ये रहस्य सबसे गहरा है इसकी गहराई को आजतक कोई भी नहीं नाप सका है। कई लोगों ने कई तरह से इसकी गहराई नापने का प्रयास किया पर असफल रहे। माना जाता है कि जहां कुंड है वह जमीन के अंदर से प्रवाहित प्रबल जलधारा के कारण बना है पर इस बारे में आज तक कोई भू-जल वैज्ञानिक यह पता नहीं कर सका कि आखिर यह जलधारा किस जल स्रोत से जुड़ी है।
डिस्कवरी चैनल ने भी की थी जाँच
भीमकुंड तब चर्चा में आया था जब हिंदमहासागर में विशाल सुनामी के दौरान इस कुंड में ऊँची लहरे उठने लगी थी। सुनामी के समय इसमें लहरें उठने के बाद डिस्कवरी चैनल की टीम इसका रहस्य जानने आई थी। उनके गोताखोरों ने कई बार इसके कुंड में गोता लगाए थे पर वे न तो इसकी गहराई माप सके और न यह पता कर सके कि इसमें सुनामी के समय लहरें उठने का क्या कारण था अलबत्ता उन्हें इसकी गहराई में कुछ विचित्र और लुप्त प्राय जलीय जीव-जंतु देखने को जरूर मिले थे।
साभार – पत्रिका