पालतु जानवरों की जब भी बात होती है तो सबसे पहले कुत्ते का ही नाम आता है, हो भी क्यों ना कुत्ता अपनी वफादारी के लिए बहुत जाना जाता है। कुत्ते के बारे में वैसे तो आप बहुत कुछ जानते होंगे पर क्या आपने कभी गौर किया है कि कुत्ता जब भी थक कर या गर्मी से हाँफ रहा हो तो उसकी जीभ बाहर निकली रहती है, वह ऐसे ही हाँफता रहता है।
कुत्ते जीभ बाहर निकाल कर क्यों हाँफते रहते है ? का सीधा साधा और दो टूक जवाब तो ये कहा जा सकता है कि कुत्तों को पसीना अपेक्षाकृत अन्य स्तनपाईयों के कम आता है तो ऐसे मे उसकी जीभ उसको शीतलता प्रदान करने महत्वपूर्ण कार्य करती है आओं जाने कैसे ?
कुत्ता एक स्तनधारी प्राणी है जो हमारी ही तरह गर्म खून का प्राणी है | पाचन क्रिया के दौरान स्तनधारियों के शरीर मे ऊष्मा पैदा होती है खासकर ग्रीष्म मौसम मे बहार का तापमान भी ज्यादा होने के कारण शरीर मे कुल ऊष्मा बढ़ जाती है जिसका निष्काषन होना आवश्यक है।
ऐसी स्थिति मे त्वचा पर उपस्थित पसीने की ग्रंथियों से पसीना निकलता है और वाष्पोत्सर्जन की क्रियाके फलस्वरूप त्वचा पर ठण्डक पैदा होती है (जिस सतह पर वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती है उस सतह का तापमान कम हो जाता है When animals sweat, heat is in that sweat, which evaporates, taking the heat away from the animal, therefore cooling it) और शरीर की अतिरिक्त ऊष्मा कम हो जाती है व शरीर ठंडा हो जाता है।
परन्तु कुत्तों के शरीर मे इन स्वेद ग्रन्थियों की कमी होती है ऐसी स्तिथि मे कुत्ता नाक से सांस ले कर मुहँ से बाहर निकालता जाता है जिस कारण जीभ पर लार के वाष्पोत्सर्जन की दर तेज हो जाती है और जीभ तेज़ी से ठण्डी होती है जो जीभ से गुजर रहे खून को ठण्डा करती है जिस से कुत्ते को शीतलता प्राप्त होती है।
इसी कमी यानी कि पसीना कम आने के कारण कुत्ते गर्मियों मे नाली या पानी मे लेटे रहते है जिसे उनके बाल गीले हो जाते है और वाष्पोत्सर्जन की क्रिया तेज हो जाती है।