हमारे समाज में गाय को माता माना जाता है और उसकी भी पूजा की जाती है। सनातन धर्म गाय को माता की उपाधि देता है क्योंकि हर माता की तरह हमारी गौमाता भी माँ की तरह ही हमारा ख्याल रखती हैं। सनातन धर्म में प्रकृत्ति की पूजा की जाती है। पेड़-पौधों से लेकर, जल, वायु, अग्नि, बादल, सागर, आदि सभी को धार्मिक रूप में देखा जाता है। यहां तक कि मनुष्य को ही स्वयं भगवान मानकर उसकी सेवा करने की सीख दी गई है।
पुराने समय में हर रोज घर में गोमूत्र का छिड़काव किया जाता था। ऐसा करने पर घर का वातावरण शुभ और पवित्र बना रहता है। आज भी इस परंपरा का पालन कई लोग करते हैं।
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यहां जानिए गोमूत्र से कौन- कौन से लाभ प्राप्त होते हैं…
1. नष्ट होते हैं हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु
गोमूत्र की गंध तेज होती है। इसमें एसिड की मात्रा अधिक होती है। घर के वातावरण में मौजूद बैक्टिरिया इस गंध और एसिड के प्रभाव से खत्म हो जाते हैं। इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
2. दवाईयां
गौमूत्र का नाम सुनकर आप लोग अपनी नाक-भौं सिकोड़ लिए होंगे लेकिन सच यह है कि गौ मूत्र का प्रयोग कई दवाइयों में भी किया जाता है। विश्व की तमाम दवा निर्माता कंपनिया आज इस पर काफी शौध कर रही हैं।
3. 108 प्रकार की बीमारियां
गौमूत्र बहुत उपयोगी होता है, हमारे शास्त्र भी इस पर इशारा करते हैं। इसके साथ ही यह करीब 108 प्रकार की बीमारियों के इलाज में भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें विशेष हार्मोन और खनिज मिले होते हैं।
4. दूर होते हैं कई रोग
आयुर्वेद में गोमूत्र का नियमित सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे कई बीमारियां खत्म हो सकती है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गोमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर ही रहती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान
बना रहता है।
5. पेट की समस्या
पेट की समस्या, त्वचा रोग, कोई पुराना दर्द, सांस का रोग, नेत्र की समस्या, मुख रोग, कृमिरोग आदि रोगों का इलाज संभव होता है। जानकारों का कहना है कि इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेोट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, यूरिक एसिड, क्लोिराइड और सोडियम पाया जाता है।
6. दिल की बीमारी
जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गोमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। इतना ही नहीं गौमूत्र मधुमेह, दिल की बीमारी, कैंसर, मिर्जी, एड्स और माइग्रेन जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है।
ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इस कारण कभी भी गाय का अनादर नहीं करना चाहिए। जो लोग गाय की सेवा करते हैं, उन्हें सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और पुण्य की बढ़ोतरी होती है। पुराने समय में तो अधिकांश लोग अपने-अपने घर में ही गाय को पालते थे लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। जिन लोगों के यहां गाय नहीं है, वे नियमित रूप से किसी गौशाला में हरी घास का दान कर सकते हैं या अपनी इच्छा के अनुसार धन का दान कर सकते हैं। गौसेवा का महत्व इस बात से भी प्रकट होता है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी गौमाता की सेवा की थी।