विज्ञान की दृष्टि से महिलाओं और पुरुषों की शरीर संरचना में कुछ बुनियादी फर्क होते हैं। प्रकृति ने मर्दों की तुलना में औरतों को बहुत सारी खूबियां दी हैं। हम आपके लिए लाए हैं महिलाओं से जुड़े ऐसे ही कुछ तथ्य, जो शायद आप नहीं जानते होंगे –
इसलिए ज्यादा लचीला होता है शरीर
महिलाओं की मसल्स हल्की और ज्यादा लचीली होती हैं। कुदरत ने उन्हें यह खूबी इसलिए दी है, ताकि उनका शरीर प्रेगनेंसी के दौरान आराम से बदल सके और चाइल्ड डिलेवरी के बाद आसानी से रिकवर भी कर सके। महिलाओं के एस्ट्रोजन हॉर्मोन के कारण उनकी मसल्स में यह खूबी होती है। यही वजह है कि लड़कियां ज्यादा अच्छी जिम्नास्ट होती हैं। इसके अलावा उनकी गर्दन भी ज्यादा फ्लेक्सिबल होती है। वे अपनी गर्दन ज्यादा घुमा सकती हैं।
महिलाओं के बाल इसलिए होते हैं रेशमी
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के बालों की मोटाई आधी ही होती है। उनके बाल चिकने भी होते हैं। यही वजह है कि स्त्रियों के बाल रेशमी और मुलायम लगते हैं। यही नहीं, किसी महिला के बालों की क्वालिटी से उसकी रिप्रोडक्शन क्षमता का पता भी चलता है। यानी बालों की क्वालिटी जितनी अच्छी होगी, महिला द्वारा सेहतमंद बच्चे को जन्म देने की संभावना उतनी ज्यादा होगी।
नींद में भी एक्टिव रहता है दिमाग
जागते रहने की तुलना में नींद में महिलाओं की दिमागी एक्टिविटीज सिर्फ 10 प्रतिशत ही कम होती हैं। इसका अर्थ है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ब्रेन सोते समय भी काम करता रहता है। इस खासियत के चलते औरतें छोटे बच्चों की बेहतर देखभाल कर पाती हैं। आपने देखा होगा कि आधी रात को भी शिशु की हल्की-सी आवाज से मां की नींद तुरंत खुल जाती है।
महिलाएं ज्यादा दर्द सहन कर सकती हैं
महिलाओं में दर्द के रिसेप्टर अधिक होते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें दर्द का अहसास जल्दी और ज्यादा होता है। इसके बावजूद वे ज्यादा दर्द सहन कर सकती हैं। यही वजह है कि महिलाएं सिरदर्द, बदन दर्द होते हुए भी काम करती रहती हैं।
उनका दिल तेजी से धड़कता है
महिलाओं का दिल ज्यादा मजबूत माना जाता है। वह मर्दों के दिल के मुकाबले छोटा होता है। महिलाओं के दिल का एवरेज वजन 118 ग्राम होता है, जबकि पुरुषों के दिल का वजन इससे 60 ग्राम ज्यादा होता है। महिला का दिल पुरुष के मुकाबले ज्यादा तेजी से धड़कता है।
महिलाएं गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं
दिल लगा लेना वाक्य महिलाओं पर सटीक बैठता है। वे किसी भी रिश्ते में अधिक गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं। उनके दिमाग में ऐसे हिस्से ज्यादा डेवलप होते हैं, जो अफेक्शन का अहसास कराते हैं। इसलिए महिलाएं किसी भी रिश्ते को अच्छे ढंग से निभाती हैं।
महिलाएं इसलिए ज्यादा बोलती हैं
औरतों के दिमाग में स्पीच और वर्ड प्रोसेसिंग के लिए दो सेंटर होते हैं, जबकि मर्दों के दिमाग में ऐसा एक ही सेंटर होता है। इसी कारण महिलाएं तेजी से और साफ-साफ बोल सकती हैं। उनके पास नॉनवर्बल इशारे भी पुरुषों की तुलना में दुगने होते हैं। यानी वे बिना बोले भी बहुत कुछ कह सकती हैं।
महिलाएं कम फैट बर्न करती हैं
महिलाओं के शरीर में भीतरी अंग छोटे होते हैं। यही कारण है कि अगर महिला और पुरुष दोनों बैठे हों, तो महिला का शरीर कम कैलोरी बर्न करेगा। मातृत्व की तैयारी के लिए उनके शरीर में फैट जमा करने की प्रवृत्ति भी होती है।
ऊंचे सुर ज्यादा अच्छी तरह सुनती हैं महिलाएं
महिलाएं हायर फ्रिक्वेंसी की आवाज, यानी ऊंचे सुर ज्यादा साफ-साफ सुन सकती हैं। यह भी उन्हें बच्चे पालने में मदद करता है, क्योंकि बच्चों के रोने की आवाज हायर फ्रिक्वेंसी की होती है। इसलिए माताएं अपने बच्चे का रोना तुरंत पहचान जाती हैं और उसके पास पहुंच जाती हैं।
महिलाओं की स्किन ज्यादा सेंसेटिव होती है
महिलाआें की स्किन पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पतली और सेंसेटिव होती है। उन्हें स्पर्श का अहसास भी अच्छी तरह होता है। इसीलिए वे बारीक चीजों को छूकर पहचान जाती है। टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन के कारण मर्द मोटी स्किन वाले होते हैं।
महिलाएं अपनी पलकें ज्यादा झपकती हैं
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की पलकें दो गुना तक ज्यादा झपकती हैं। पुरुषों को लगता है कि पलकें झपकना महिलाओं की अदा है, जबकि वे स्वाभाविक रूप से ऐसा करती हैं। इसके चलते उनकी आंखों में लुब्रिकेशन ज्यादा होता है और उन्हें ड्राई आई की समस्या कम सताती है। हालांकि मीनोपॉज के बाद हॉर्मोनल बदलाव से उन्हें यह समस्या हो सकती है।
महिलाओं को गंध का अहसास बेहतर होता है
जन्म से ही स्त्रियों की नाक में गंध का अहसास करने वाले रिसेप्टर ज्यादा होते हैं। इसलिए वे पूरी जिंदगी पुरुषों के मुकाबले सुगंध और दुर्गंध का अहसास ज्यादा अच्छे तरीके से कर पाती हैं। इस गुण का फायदा उन्हें रसोई में भी मिलता है।
महिलाओं को स्वाद का अहसास भी बेहतर होता है
महिलाओं की जीभ को चटोरी कहा जाता है। इसकी एक वजह यह भी है कि उनकी जीभ में टेस्ट बड्स ज्यादा संख्या में होती हैं। मतलब यह कि उन्हें हर तरह के स्वाद का अहसास जल्दी और बेहतर तरीके से हो सकता है। इसीलिए तो वे जरा-सा खाना चखकर पूरा हाल बता देती हैं। यह गुण परिवार की सुरक्षा के लिए डेवलप हुआ है, ताकि रसोई की इंचार्ज महिलाएं खराब खाने को पहले ही पहचान जाएं।
महिलाएं बहुत ज्यादा भावुक होती हैं
संभवत: यही एक फैक्ट है, जो जगजाहिर है। सालभर में महिलाएं 30 से 60 बार तक रो डालती हैं, जबकि पुरुष 6 से 12 बार। इस भावुकता के चलते महिलाओं के दिल का गुबार निकल जाता है और उन्हें सेहत संबंधी फायदे मिलते हैं।
महिलाएं रंगों को ज्यादा अच्छी तरह से पहचानती हैं
पुरुष लाल-पीला-हरा-नीला जैसे रंग जानते हैं, जबकि महिलाएं लाल या नीले जैसे रंगों के भी दसियों शेड्स में अंतर कर सकती हैं। यह भी मानव इतिहास के हजारों सालों में धीरे-धीरे विकसित हुआ गुण है। इससे खतरों को पहचानने में मदद मिलती है।
साभार – अजबगजब