सबसे पहले तो कोरोना में जान गंबा रहे सभी लोगों की आत्मा को परमात्मा शांति और मोक्ष प्रदान करें, तथा कोरोना से दिन-रात जूझ रहें स्वास्थ्य कर्मियों को अपार शक्ति प्रदान करें। आज देश जिस समय से गुजर रहा हैं वो काफी ज्यादा कठिन हैं और हमें इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार होना चाहिए। 100 सालों में एक ही बार ऐसा समय आता हैं और ये एक काफी संकटों से भरा स्थिति हैं। कोरोना (the black fungus and corona) के नए स्ट्रैंड्स आते ही जा रहें हैं और बीमारियां दिन प्रति दिन और भी घातक साबित हो रहीं हैं। ऐसे में हमारे लिए कोरोना से जुड़ी हर एक छोटी सी छोटी चीजों के बारे में जानना काफी ज्यादा जरूरी है।
जब तक सिर्फ कोरोना (the black fungus and corona) था तब तक हम ये सोच रहें थे की, एक बार वैक्सीन लगाने के बाद शायद ये बीमारी कम हो जाएगा। परंतु क्या सच में कोरोना का वैक्सीन लगा लेने के बाद हम सच में पूरे तरीके से इस बीमारी से बच जाएंगे? क्या सिर्फ कोरोना ही हैं जिससे हमें बच कर रहना चाहिए? क्या कोरोना ही इतना जानलेवा हैं या इसके साथ और भी कई बीमारियां शामिल हैं? मित्रों! ऐसे ही कई सवाल हर किसी के मन में आज आना जरूरी हैं। क्योंकि, कोरोना के क्षेत्र में सावधानी बरतना अनिवार्य हैं।
तो, चलिये अब लेख को आगे बढ़ाते हुए कोरोना से जुड़ी इस नयी बीमारी के बारे में जानते हैं।
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ब्लैक फंगस क्या हैं? – The Black Fungus And Corona! :-
मित्रों! “ब्लैक फंगस या काला कवक (the black fungus and corona) या अंग्रेजी में कहें तो, “Mucormycosis” एक तरह का फंगल इन्फ़ैकशन हैं जो की इंसानों में पाया जाता हैं”। बता दूँ की, ये फंगल इन्फ़ैकशन इंसानों में काफी ज्यादा दुर्लभ परंतु काफी ज्यादा खतरनाक होता हैं। इसे किसी भी हाल में नजरंदाज करना यानी मौत को दावत देने के समान हैं। इसलिए कोरोना काल में इसे काफी तवज्जोह भी दिया जा रहा हैं, क्योंकि लोगों को इसके बारे में अभी ज्यादा मालूम नहीं हैं और ये पहले ही कई सारे लोगों की जान ले चुका हैं।
“Mucormycete” नाम के कवक से ये फंगल इन्फ़ैकशन होता हैं और म्यूकोरोमाइसिटि के नाम का ये कवक पृथ्वी के जलवायु में काफी मात्रा में पाया जाता हैं। तो, आप सोच ही सकते हैं की; ये बीमारी एक इंसान को कितनी आसानी से हो सकता हैं। हालांकि! यहाँ पर एक खास बात पर ध्यान देना होगा की, ये बीमारी आसानी से किसी स्वस्थ व्यक्ति को नहीं हो सकता क्योंकि उसके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र उतना कमजोर नहीं होता हैं; परंतु जिस भी व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र (immunity) कमजोर हैं उसको ये बीमारी आसानी से हो सकता हैं। एक बार ये बीमारी होने के बाद इसे शरीर के अंदर फैलने से रोकना काफी ज्यादा कठिन हैं।
मेरा उद्देश्य लोगों के मन में डर फैलाना नहीं हैं, इसलिए आप इसे एक शिक्षात्मक लेख के हिसाब से ही लें। क्योंकि, ये रोग ज़्यादातर कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों के अंदर ही पाया जा रहा हैं। इसलिए कोरोना से रीकवर होने के बाद भी आप थोड़ा सा अपने शरीर के लिए सावधानी तो बरत ही सकते हैं।
इस रोग के क्या-क्या लक्षण हैं? :-
हर एक रोग का अपना अलग ही लक्षण होता हैं और इस रोग का भी कई सारे लक्षण हैं। अगर ये रोग किसी व्यक्ति को होता हैं तो सबसे पहले लक्षण हैं; उसे काफी सर दर्द होगा, आँखें और नाक लाल हो कर दर्द करेंगे, बुखार और खांसी होने लगेगा, सांस लेने में दिक्कत होना, उलटी करते समय खून का आना और मानसिक स्थिति का ठीक न रहना हैं।
हालांकि! जब बीमारी एक हद से बढ़ कर अपने चरम पर होता हैं तब व्यक्ति के अंदर दांत का दर्द, दांतों का गिरना और धुंधला दिखाई देना आदि हैं। अगर ये लक्षण किसी भी व्यक्ति के अंदर अचानक से आते हैं और नहीं जाते हैं, तब कहा जा सकता हैं की; वो व्यक्ति ब्लैक फंगस के चपेट में हैं। मित्रों! अगर आपको या आपके जानने वाले किसी भी व्यक्ति के अंदर ये लक्षण एक साथ दिखाई दे रहें हैं और वो कोरोना से जूझ रहा हैं, तो आप एक बार इसके बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य ही परामर्श ले लें।
क्योंकि, अगर इस बीमारी को समय रहते पहचान कर उपचार किया तो; व्यक्ति की जान बचाई जा सकती हैं। बता दूँ की, इस बीमारी का मृत्यु दर 50% से भी ज्यादा हैं तो इस बीमारी के खिलाफ बिलकुल भी ढिलाई नहीं करनी चाहिए। वैसे वर्तमान के समय में महाराष्ट्र और गुजरात में ये बीमारी काफी ज्यादा दिखाई पड़ रहा हैं। रोज ब्लैक फंगस (the black fungus and corona) के 28 तक घटना सामने आ रहे हैं।
क्या ये बीमारी कोरोना से भी खतरनाक हैं? :-
अब ये सवाल काफी लोगों के मन में आ रहा हैं होगा की, “क्या ब्लैक फंगस (the black fungus and corona) कोरोना से भी खतरनाक हैं?” तो, मित्रों बता दूँ की इस सवाल का जवाब इतना आसान नहीं हैं। क्योंकि, दोनों ही बीमारियाँ अलग-अलग श्रेणी की हैं। एक बीमारी जहां वायरस से फैल रहीं हैं वहीं दूसरी बीमारी एक कवक से फैलने वाली हैं। परंतु, अगर हम मृत्यु दर को देखें तो; ये आसानी कह सकते हैं की ब्लैक फंगस कोरोना से ज्यादा जानलेवा हैं।
तो, आखिर क्यों ये बीमारी कोरोना से इतना खतरनाक हैं? आपके मन में ये सवाल भी जरूर आना चाहिए! देखिये मित्रों ब्लैक फंगस एक दुर्लभ बीमारी होने के बाद भी काफी ज्यादा शक्तिशाली रोग हैं और एक बार ये शरीर के अंदर हो जाने के बाद इसे रोकना काफी ज्यादा कठिन हैं। हालांकि! हम यहाँ पर एंटी-फंगल दबाईयों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, परंतु कोरोना के काल में इन दबाईयों का भी काफी ज्यादा किल्लत हैं। खैर अगर ये बीमारी अगर किसी व्यक्ति को हो जाता हैं, तब उस व्यक्ति का ऊपरी जबड़ा, नाक और आँख सड़ने लगता हैं।
मुंह, नाक और आँख धीरे-धीरे इन्फ़ैकशन के चलते काले होने लगते हैं और नौबत यहाँ तक होती हैं की, मुंह के ऊपर जीतने भी अंग हैं वो धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। खैर जब इन्फ़ैकशन दिमाग तक पहुँच जाता हैं, तब व्यक्ति के पास जीने के लिए काफी कम समय होता हैं। कहा जाता हैं की, ब्लैक फंगस अगर दिमाग तक पहुँच गया तो काम तमाम ही समझो।
क्या इसका उपचार “आँख निकाल कर ही संभव हैं”! :-
देखा जा रहा हैं की, कोरोना मरीजों में जिन-जिन को ब्लैक फंगस (the black fungus and corona) हो रहा हैं; उनमें से ज़्यादातर लोगों की स्थिति काफी गंभीर होने के चलते उनके आँखें तक निकालने पड़ रहें हैं। मित्रों! इन्फ़ैकशन अगर एक बार शरीर के अंदर फैलने लगता हैं, तब डॉक्टर आँखें या ऊपरी जबड़ा निकाल कर इन्फ़ैकशन को दिमाग तक पहुँचने से रोकते हैं ताकि मरीज की जान बचाया जा सके। ऐसे में सर्जरी ही सिर्फ एक मात्र विकल्प बन जाता हैं।
इसलिए, बीमारी को हमेशा टालने की सोच हमें रखनी चाहिए। डॉक्टरों की अनुसार ये बीमारी ज़्यादातर मधुमेह और ड्रग सेवन करने वाले रोगियों में दिखाई पड़ता हैं। इसके अलावा स्टेरोइड के इस्तेमाल से भी ये बीमारी होने की पूरी-पूरी संभावना बनती हैं। इसलिए मधुमेह और ड्रग तथा स्टेरोइड इस्तेमाल करने वाले लोगों को काफी सावधानी बरतनी चाहिए। मित्रों! स्वस्थ्य व्यक्ति इस बीमारी सी बचने के लिए पर्सनल हाइजीन और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
इसके अलावा जीन व्यक्तियों को केंसर हैं वे भी इस रोग से जरा सावधानी बरतें। इसके अलावा जिन्होंने अपने अंदर किसी प्रकार का इंप्लांट लगाया हैं, वो भी इस बीमारी को बिलकुल भी नजर अंदाज न करें। आखिर में बस इतना ही कहना चाहूँगा की, अपने और अपने परिवार का संकट के इस घड़ी में ख्याल रखें।
Source :- www.indianexpress.com