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1972 के Apollo Mission के बाद कोई भी मानव चाँद पर दुबारा क्यों नहीं गया है?

Why have humans never been back to the Moon after 1972?

Why have humans never been back to the Moon after 1972?–  1969 के Apollo Mission  में Neil Armstrong चांद पर उतरने वाले पहले मानव बने और ये कारनामा करने वाला पहले देश अमेरिका था, उसके बाद इसी तरह के कई मिशन 1969 से लेकर के 1972 तक हुए और कुल 7 अभियान हुए, जिसमे से सिर्फ एक अभियान अपोलो 13 में गए यात्री तकनीकी खराबी के कारण चाँद की सतह पर उतरने में नाकाम रहे थे।

हर अभियान में तीन यात्री जाते थे , जिनमें से दो अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद पर उतरना होता था, इस तरह से कुल मिलाकर 6 सफल उड़ानों में 12 इंसानों ने चाँद की सतह पर कदम रखा था । अंतिम अपोलो अभियान अपोलो 17 सन् 1972 में सम्पन्न हुआ था।

अब बात आती है कि इसके बाद कोई चाँद पर क्यों नही गया , या अब कोई मानव चन्द्र अभियान क्यों नहीं होता है?

उत्तर:- जरूरत नहीं थी और अभी भी नहीं हैं , दअरसल ये जोखिम भरा है और अब इन्सान को चाँद पर भेजकर कुछ हासिल नहीं होने वाला। क्योंकि

चाँद पर इंसान को भेजने के लिए कोई बड़ा उद्देश्य होना चाहिए जो कि अभी नहीं है, मानव रहित अभियान ही सारा काम कर देते है, इसमें जान का जोखिम भी नहीं रहता, ज्यादा समय तक रोबोट काम कर सकता है, उसे वापस लाने की जरूरत नही होती और सस्ता भी पड़ता हैं।

चाँद पर पहले बनाना होगा घर

एक बात ये भी है कि चांद पर मानव मिशन अब पहले के मुताबिक ज्यादा खर्चीला और जोखिम भरा है, स्पेस में जहांं हर तरफ रेडियेशन और चांद पर कोई वातावरण भी नहीं है तो ऐसे में लंबे मानव मिशन तभी संभव हैं जब हम चांद पर अपना कोई वेस यानि की घर बनालें, ये घर ऐक वैज्ञानिक वेधशाला की तरह हो और इसमें केवल वैज्ञानिक ही रहते हों। अगर हम ये करने में सफल हो जाते हैं तो हम आगे आने वाले कुछ दशकों में चांद पर फिर से मानव मिशन देख सकते हैं।

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अपोलो एक राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम था

दरअसल अपोलो कार्यक्रम भी कोई वैज्ञानिक कार्यक्रम नहीं था , इसका प्रमुख उद्देश्य राजनैतिक था , और वो था, सोवियत संघ को अंतरिक्ष कार्यक्रमो में पछाड़ना आप देखना अपोलो कार्यक्रम में गए लगभग सभी यात्री सैनिक थे न कि वैज्ञानिक , सिर्फ एक वैज्ञानिक हैरिसन श्मिट अपोलो 17 के द्वारा चाँद पर गए थे, वे चाँद पर गए प्रथम व अंतिम वैज्ञानिक हैं।

आपको पता होगा उस समय सोवियत संघ व अमेरिका के मध्य अंतरिक्ष में भी युद्ध चल रहा था, और इसमे अमेरिका सोवियत संघ से पीछे चल रहा था इसलिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति कैनेडी साहब ने नासा के सामने अमेरिका को चाँद पर भेजने का उद्देश्य रखा। और अपोलो कार्यक्रम के द्वारा इस अंतरिक्ष युद्ध मे अमेरिका सोवियत संघ से आगे निकल गया ,ऐसे में इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पूरा हो चुका था, अब मानव को चाँद पर भेजकर जो कुछ हासिल करना था वो किया जा चुका था ।

और जब भी चाँद के अध्ययन की बात आती है तो मानव रहित अभियान में गए रोबोट ये काम ज्यादा अच्छे से कर लेते है। 

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Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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