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क्या होगा अगर आपको अचानक पानी से एलर्जी हो जाए ?

दोस्तों ! जल यानी पानी हमारे लिए जीवन का दूसरा नाम है क्योंकि इसके बिना हमारा जीवन पल भर भी नहीं चल सकता | जल के बिना तो हम इस पृथ्वी की कल्पना तक नहीं कर सकते | हमारी पृथ्वी पर लगभग 333 million cubic miles पानी मौजूद है जो कि इस पृथ्वी की 70 % से भी ज्यादा जगह मेंफैला हुआ है  | इसके अलावा ये हवा में water vapors के रूप में भी मौजूद रहता है |
इंसानों की बात करें तो एक औसतन इंसानी शरीर में लगभग 50 से 65 % तक पानी , cells और अन्य जरूरी fluids जैसे plasma और trans-cellular fluids आदि के रूप में मौजूद होता है |

Body Temperature को regulate करना , brain और spinal cord के लिए shock absorber की तरह काम करना , शरीर में पड़े हुए खाने को पोषक तत्वों में बदलना , पूरे शरीर में oxygen को पहुँचाना , शरीर से मल मूत्र हटाना , body cells के विकास में अहम् भूमिका निभाना आदि इसके कुछ प्रमुख कार्य हैं |

यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो हम किसी न किसी तरह से इस पानी से घिरे हुए हैं | दोस्तों , आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि जल ही जीवन है | पर आज इस वीडियो में मैं आपसे कुछ ऐसी चीज के बारे में बात करेंगे जो इस कहावत को झूठा साबित कर देगी ! यानी ऐसी condition के बारे में बात करेंगे जहां ये जीवनदाई पानी, किसीको भयंकर दर्द का अनुभव भी करा देता है !

सो दोस्तों ! जिस condition की हम यहाँ बात कर रहे हैं , वो है allergy to water यानी पानी से होने वाली allergy ! जिसे आमतौर पर  , Aquagenic Urticaria कहते हैं | दोस्तों ! आपने अक्सर, drug allergy, food allergy , insect allergy वगेरा के बारे में तो सुना ही होगा , पर ये water allergy जैसी condition के बारे में पहली बार सुना होगा ! ऐसा जायज भी है क्योंकि ये condition काफी दुर्लभ है क्योंकि इससे सम्बंधित आजतक की study और research में, इस condition के 100 से भी कम cases मिले हैं जिसकी वजह से इस अजीब सी allergy को study कर पाना भी बेहद मुश्किल है !

जिन लोगों को ये Aquagenic Urticaria नामक एलर्जी होती है उन्हें अक्सर किसी भी तरह के पानी , चाहें वो बारिश हो , पसीना हो , आंसू हो या ठंडा गरम कैसा भी पानी हो , उसके संपर्क में आते ही उनके शरीर पर लगभग 15 seconds के बाद चकत्ते और पित्ती आने लगते हैं जो अक्सर शरीर पर , सूजे हुए लाल रंग के धब्बे जैसे दिखते हैं |

हालांकि ये चकत्ते और पित्ती  , शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं , पर आमतौर पर, ये गर्दन , छाती और बाजुओं के आसपास ज्यादा मात्रा में उभर आते हैं | जैसे ही कोई water source, skin contact से अलग होता है , तो जिन लोगों को इसकी allergy होती है, उनके शरीर से ये rashes, लगभग 30 से 60 मिनट के अन्दर ख़त्म होने लगते हैं |
इसके अलावा ये water allergy तब ज्यादा serious हो जाती है, जब किसी इंसान को इसकी वजह से पानी तक पीने में दिक्कत और दर्द महसूस होने लगता है | ये लोग अक्सर, पानी , चाय , coffee और juice जैसे liquids को न पीकर , दूध और कोल्ड्रिंक जैसे पदार्थों से अपनी प्यास बुझाते हैं |
इस Aquagenic Urticaria वाली condition से ग्रस्त लोगों आम जिन्दगी में पानी के संपर्क में न आने के लिए कई सावधानियां रखनी पड़ती हैं | हाथ धोने के लिए ये लोग, hand sanitizer का ही इस्तेमाल करते हैं और पसीना न आने के लिए इन लोगों को exercise करने से भी मना किया जाता है | नहाने के लिए ऐसो लोगों को पानी में baking soda मिलाना पड़ता है जिससे किसी भी तरह का कोई reaction न हो पाए |

इस Aquagenic Urticaria के उत्पन्न होने की अभी तक कोई भी ठोस वजह का पता नहीं लगा है पर scientists ने कुछ studies के द्वारा इसको लेकर कई theories दी हैं |
वैज्ञानिकों के अनुसार , ये rashes , immune cells द्वारा histamine नामक chemical को स्किन में छोड़ने की वजह से होते हैं जो आगे चलकर शरीर में मौजूद itch neurons से मिलने पर खुजली पैदा कर देते हैं |
इसके अलावा वैज्ञानिकों का ऐसा भी मानना था , कि ये condition , पानी में मौजूद किसी allergen chemical की वजह से हो सकती है , पर जो लोग इस aquagenic urticaria से प्रभावित होते हैं उनके लिए तो शुद्ध भी हानिकारक साबित होता है |
ये condition , सच में अभी तक वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य ही बनी हुई है और इसका treatment भी medical field की पहुँच से फिलहाल बाहर ही है !

हालांकि दोस्तों ! इस condition के प्रभावों को कुछ हद तक कम करने के लिए कई तरीके बताए गए हैं – जैसे कि photo-therapy , जहां ultraviolet rays को शरीर के प्रभावित हिस्से पर सीधा छोड़ा जाता है |
इसके साथ ही doctors द्वारा SSRI यानी Selective serotonin re-uptake inhibitors जैसे drugs लेने की भी सलाह दी जाती है जो इसके प्रभावों को कम कम करने में मदद करते हैं | इसके अलावा , histamines और कुछ ख़ास creams का भी इस्तेमाल किया जाता है जो skin को पानी के सीधे संपर्क में आने से रोकते हैं |

Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

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