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चौंक जाओगे जानकार क्या होगा जब हम 100% ऑक्सीजन में रहने लगेंगे ?!

दोस्तों ये तो हम सभी जानते हैं कि, oxygen हमारे लिए कितना जरूरी है | इंसान हो चाहें जानवर या फिर पेड़ पौधे और अन्य जीव जंतु , सभी का जीवन इस ऑक्सीजन पर ही निर्भर रहता है |

वायुमंडल और हमारे वातावरण में बहने वाली हवा में अन्य गैसों के मुकाबले ऑक्सीजन ही एक ऐसी गैस है जिसके कारण ख़ास तौर पर हमारे शरीर में कई metabolic reactions द्वारा हमें ऊर्जा मिलती है और इसके न होने से हमारे पर्यावरण में एक भारी असंतुलन होने लगता है |

वैसे तो दोस्तों ये ऑक्सीजन अगर हमें उचित मात्रा में मिलती रहे तो हमारा शरीर सही तरीके से काम करता है पर अगर इसकी मात्रा या concentration कम या ज्यादा होने लगे तो हमें कई problems भी हो सकती हैं |

हमारे वायुमंडल में मौजूद हवा में लगभग 78% nitrogen , 21% ऑक्सीजन और 1% में अन्य gases like carbon dioxide , methane वगेरा होती हैं जिनमें से केवल oxygen द्वारा ही हमारे body cells काम कर पाते हैं और energy release करते हैं |

पर दोस्तों ! क्या आपने कभी सोचा कि ये 21% ऑक्सीजन अगर 100% में बदल जाए यानी हमारे वायुमंडल में केवल pure ऑक्सीजन ही रहे तो क्या होगा ! अगर ऐसा हुआ तो हमारे शरीर में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या होगा अगर हम सभी pure ऑक्सीजन में रहना शुरू करदें तो ?

दोस्तों जो air यानी हवा हम सांस लेते वक़्त अपने शरीर में लेते हैं उसमें 78% nitrogen , 21% oxygen और लगभग 0.04% carbon dioxide gases होती हैं और जो सांस हम बाहर छोड़ते हैं उसमें nitrogen और अन्य गैसों की मात्रा उतनी ही रहती है पर oxygen और carbon dioxide की मात्रा बदल जाती है |.

बाहर छोड़ी हुई सांस में लगभग 15 से 16 % oxygen , और 4 से 5 % carbon dioxide होती है  जो कि हमारे शरीर में होने वाले metobolic reactions के द्वारा बदलती है जिसमें oxygen हमारे शरीर में मौजूद glucose और अन्य पोषक तत्वों को carbon dioxide में बदल देती है इस reaction से निकलने वाली ऊर्जा यानी energy body cells द्वारा इस्तेमाल की जाती है जिससे हमारा खाना energy में convert हो जाता है |

इसके साथ ही दोस्तों oxygen के हमारे body में कई important functions हैं जैसे कि हमारे खून में मौजूद blood cells और tissues की proper functioning और शरीर में बचे हुए कुछ toxic यानी जहरीले cells को बाहर निकालना |

वैसे तो दोस्तों वायुमंडल की हवा में सबसे ज्यादा nitrogen ही मौजूद होती है पर ये गैस chemically inert यानी reactive नहीं होती जिसकी वजह से सांस लेने के दौरान इसका शरीर में कोई ख़ास इस्तेमाल नहीं होता | हालंकि दोस्तों amino acids और protein synthesis के लिए nitrogen जरूरी है जो कि हम other sources like plants से ले सकते हैं | पर oxygen की बात करें तो इसकी मात्रा यानी concentration में होने वाला बदलाव हमारे शरीर पर काफी असर डालता है क्योंकि हमारी body हवा में मौजूद अन्य गैसों के मुकाबले oxygen के साथ काफी reactive होती है | normal concentration like 21% में तो हम इसे कई कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं पर अगर इसकी मात्रा अगर 100% हो जाए यानी हम केवल pure oxygen ही अपने शरीर में लें तो इसका क्या असर होगा ! चलिए जानते हैं ….

एक व्यस्क व्यक्ति एक मिनट में औसतन 7 से 8 लीटर oxygen अपने शरीर में लेता और बाहर छोड़ता है और जैसा कि बताया गया केवल 5% oxygen ही हम consume कर पाते हैं जिससे लगभग 550 लीटर oxygen औसतन इंसान एक दिन में consume करता है |

अब pure oxygen के प्रभावों को समझने के लिए हमें हमारे lungs यानी फेफड़ों की बनावट पर थोडा ध्यान देना पड़ेगा |

हमारे lungs यानी फेफड़ों को ध्यान से देखें तो इसमें हवा की एक थैली होती है जिसे alveoli कहते हैं जो कई blood vessels से घिरी हुई होती हैं जिन्हें pulmonary capillaries कहते हैं और इस alveoli और capillaries के बीच में एक alveolar वाल होती है जिसके द्वारा हवा में मौजूद सारी gases हमारे खून में जाती हैं और वापिस alveoli में आती हैं जिससे इनकी मात्रा बदल जाती है |

वैज्ञानिकों ने अपनी research और experiments के जरिए जो results निकाले हैं उनके  अनुसार जब  कोई इंसान 100% oxygen consume करता है तो उसमें ऑक्सीजन का pressure और supply normal oxygen concentration के मुकाबले काफी ज्यादा होती है जिसे Hyperoxia भी कहते हैं  जिसका असर ये होता है कि उसकी breathing यानी सांस लेने की प्रक्रिया तेज होने लगती है और carbon dioxide काफी जल्दी शरीर से निकलने लगती है और जैसे जैसे समय बीतता है तो blood vessels narrow  यानी सिकुड़ने लगते हैं जिसकी वजह से oxygen brain और heart में ठीक मात्रा में नहीं पहुँच पाता|

इसके साथ ही दोस्तों 15 घन्टे से ज्यादा pure oxygen consume करने से हमारे lungs में एक तरल पदार्थ यानी fluid जमना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से alveoli और pulmonary capillaries damage हो जाती हैं और सांस लेने में काफी दिक्कतें होने लगती हैं |

दोस्तों इन सबके पीछे जो ख़ास वजह है वो है oxygen free radicals जिसे reactive oxygen species भी कहा जाता है  जो काफी ज्यादा reactive और खतरनाक होते हैं | जब pure oxygen हमारे body cells के साथ react करता है तो ये free radical produce होने लगते हैं जो आगे चलकर proteins, lipids और nucleic acids और cell membrane को भी damage कर सकते हैं |

इसके साथ ही अगर normal atmospheric pressure में अगर हम 100% ऑक्सीजन consume करें तो nausea . dizziness यानी चक्कर आना , मासपेशियों में खिंचाव , देखने में तकलीफ और seizures यानी दौरा भी पड़ सकता है |

और अगर ज्यादा टाइम के लिए हम इसे consume करें तो oxygen toxicity भी हो सकती है जिसमें nervous system खराब हो सकता हो सकता है और brain damage के भी chance बढ़ जाते हैं  |

वैसे तो दोस्तों अलग अलग atmosheric pressure पर सांस लेने के लिए इस oxygen की मात्रा  बढ़ाई या घटाई जाती है पर 100% ऑक्सीजन किसीको भी नहीं दी जाती क्योंकि ये काफी ज्यादा reactive और टॉक्सिक यानि जहरीली साबित हो सकती है |

इकसे साथ ही oxygen द्वारा होने वाले सभी chemical reactions like combustion यानी किसी चीज का जलना और rusting यानी लोहे या अन्य धातुओं में जंग लगना काफी तेजी से होने लगेंगे जिनका परिणाम भी काफी भयानक साबित हो सकता है |

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Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

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