Facts & Mystery

इंसानी शरीर के ऐसे रहस्य जो विज्ञान भी नहीं सुलझा सकता

हमारा शरीर किसी जटिल और कठिन संरचना से कम नहीं है। इसकी बनावट बाहर से तो देखते ही आश्चर्यचकित कर देती है पर अगर अंदर की बात करें तो हमें जरूर इसके अलग – अलग अंगों को समझने में काफी समय लगेगा और हैरानी भी होगी कि आखिर ऐसी अजीब सी रचना कैसे हुई है हमारे शरीर की ?! मानव शरीर वाकई में एक शोध का विषय तो है ही साथ साथ इसके अस्तित्व की गहराई को समझने की जरूरत भी हमें है जिससे हम सभी इस रहस्मयी चलती फिरती बनावट के कुछ ऐसे रहस्य पता कर सकें जो शायद ही हमनें सोचे होंगे और शायद ही हम उनको सुलझा पाएंगे ।

इधर हम बात करेंगे हमारे यानी इंसानी शरीर से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में जिनको सुलझा पाना विज्ञान के भी सामर्थ्य से बाहर है और इन सभी रहस्यों का जवाब शायद ही विज्ञान सही तरह से दे पाएगा !

दोस्तों विज्ञान ने जहां – जहां अपने कदम रखे हैं वहां कुछ कुछ न तो उसको हाथ लगा ही है पर मानव शरीर से संबंधित कुछ बातों के बारे में विज्ञान के तर्क भी फीके नजर आते हैं।

तो आइये देखते हैं कि क्या हैं वो चीजें हमारे शरीर से जुड़ी हुईं जो वैज्ञानिकों को भी सोच में डाल देती हैं !

1. नींद में अचानक झटके आना

दोस्तों ये कोई नई बात नहीं है कि हम सभी को कभी न कभी अचानक नींद में झटके आ ही जाते हैं। जब कभी भी हम गहरी नींद में सोते हैं या फिर थके होकर अचानक सोते हुए कुछ सोचते हैं तो हमें ऐसा लगता है कि मानो कोई हमें किसी ऊंचाई से गिरा रहा हो या फिर हम खुद उसी जगह से खुद गिरने वाले होते हैं । और इसी प्रक्रिया के दौरान गिरने से बचने के लिए हम अचानक झटका ले लेते हैं और कई बार हमारी नींद भी टूट जाती है । इस विषय में वैज्ञानिकों का कहना है कि शायद इसका संबंध हमारे पूर्वजों से है या फिर ये हमारे दिमाग का अजीब सा खेल है जहां हमारा दिमाग सोने और जागने की प्रक्रिया के दौरान होने वाले बदलाव को अच्छे से नहीं परख पाता और शायद इसी वजह से वो अच्छे से काम नहीं कर पाता और उस दौरान हमारा शरीर झटका लेता है और नींद टूट जाती है । फिलहाल तो दोस्तों ये सब केवल मानने वाली बातें हैं जिनका कोई ठोस सबूत विज्ञान फिलहाल तो नहीं दे पाया है।

 

2. सूरज को देखकर बार बार छींकना

हम जब कभी भी छींकते हैं तो या तो वो एक बार होता है या ज्यादा से ज्यादा 2 – 3 बार । पर ऐसा भी आपने महसूस किया होगा कि अगर हम छींकने के दौरान सूरज को देखें तो हमें बार बार छींक आ जाती है और वो बड़ी देर बाद ही रुकती है। दोस्तों हमनें शायद ही इसके पीछे की वजह पर ध्यान दिया होगा और इसका कारण भी हमें ढूंढने पर नहीं मिला। वैसे तो दोस्तों लोगों का कहना है कि इसके पीछे की वजह यह है कि हमारी आंखों और नाक के बीच में एक प्रकार की नस होती है जो प्रकाश या उजाले में आते ही सक्रिय हो जाती है और हमारी नाक को सिग्नल देती है जिससे हमारी नाक में एक प्रकार की हलचल हो जाती है और उसके प्रभाव से हमें लगातार छींक आ जाती है। पर दोस्तों ये भी कोई परखा हुआ कारण नहीं है क्योंकि इसके पीछे की वजह को जानना वैज्ञानिकों के लिए थोड़ा मुश्किल है और हो न जो शायद ज्यादा समय जरूर लगेगा इसकी पक्की वजह को जानने के लिए।

 

3. नींद में सपने आना

तो दोस्तों ये है वो अजीब सी हरकत जो हमारा दिमाग आये दिन करता रहता है और हम इसकी वजह को जानने के लिए शायद ही कभी तैयार हुए होंगे क्योंकि हमें लगता है कि सपने आना एक आम बात है और इसका कारण ढूंढना हमने जायज नहीं समझा । दोस्तों जरा विचार कीजिये कि क्या जानवरों को भी हमारी तरह सपने आते होंगे या फिर हम इंसान ही इकलौते ऐसे जीव हैं जो सपने देखते हैं। इस बात को और मजबूत बनाता है हमारा अजीब अजीब से सपने देखना और हर बार नए नए सपने देखना और सच मानिए दोस्तों सपने के दौरान हमें अपनी स्थिति का भी भान नहीं रहता और हमें लगता है कि सपना नहीं हम हकीकत में ही जी रहे हैं। दोस्तों इसको लेकर शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारा सपने देखना हो न हो पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति से संबंधित है जिसकी वजह से हमारी ऊर्जा पर प्रभाव पड़ता है और इसके जवाब में हमें सपने आते हैं । पर दोस्तों अभी भी इस बात पर काफी शोध करना बाकी है और इसका संबंध भी साबित करना जरूरी है ।

कई लोगों का कहना है दोस्तों कि सपने हमारी इच्छाओं और चाहत को दर्शाते हैं जहां हम अपने दिमाग में बनाई हुई दुनिया से संबंधित चीजों को महसूस करते हैं और जिस चीज का हम ज्यादा ख्याल करते हैं वही चीज हमारे सपने में एक हकीकत बनकर सामने आ जाती है । पर दोस्तों ये कोई ऐसा कारण नहीं है जो विज्ञान पर आधारित हो ।

 

4. हँसना

जी हां दोस्तों , हमारा हंसना भी एक पहेली ही है क्योंकि दोस्तों हम क्यों हँसते हैं हमें खुद ही नहीं पता और किस वजह से हमें हँसी आ जाती है , ये भी हम नहीं जान पाए हैं । दोस्तों हम परिस्थिति के अनुसार अपने व्यवहार को नियंत्रित करते हैं और हँसना भी उन्हीं में से एक है जहां हम किसी भी ऐसी चीज पर हँस देते हैं जो हमारे लिए आनंद का अनुभव कराती हो । पर दोस्तों विज्ञान इस बात का ठीक ढंग से पता नहीं लगा पाया है कि आखिर ये हंसी आती कहां से है और क्यों नहीं हम हर परिस्थिति में हँसते ! दरसअल ये भी रहस्य ही है क्योंकि असली वजह अभी हमें मालूम नहीं है । शायद ये भावनाओं का खेल है पर विज्ञान इन बातों के आधार पर कोई भी तथ्य प्रस्तुत नहीं करता क्योंकि कोई न कोई ठोस वजह या कारण तो पता ही होना चाहिए।

 

5. हमारी उंगलियों के निशान

दोस्तों ये भी हैरान कर देने वाली बात है कि हमारी उंगलियों के निशान खुद हमारी पहचान करा देते हैं और इनका अनोखा होना और हर एक से अलग होना भी काफी चौंकाने वाला तथ्य है । हर इंसान की उंगलियों के निशान के द्वारा हम उस इंसान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं पर दोस्तों आखिर क्या वजह है कि हम इंसानों की उंगलियों के निशान हर एक से अलग होते हैं और ये आखिर आते कहां से हैं । वैसे तो दोस्तों वैज्ञानिकों ने इसके ऊपर भी रिसर्च की है पर कोई पक्का सबूत इकट्ठा नहीं कर पाए जो इस बात को सिद्ध कर सके । ये भी एक अजीब सी बात है दोस्तों कि चाहें जुड़वा बच्चे ही क्यों न हों उन सभी के उंगलियों के निशान अलग अलग ही होते हैं । शायद दोस्तों ये एक रहस्य ही है जिसका उत्तर वैज्ञानिक ढूंढने में सक्षम नहीं हो पाए हैं !

 

6. उबासी आना

दोस्तों हम सभी उबासी या जम्हाई लेते हैं जब कभी भी हम थके होते हैं , बोर हो रहे होते हैं या फिर हम जब किसीको देर तक उबासी लेते हुए देख लेते हैं। दोस्तों हमारा उबासी लेना भी एक रहस्य ही है और दूसरों को देखकर उबासी लेना तो और भी अजीब सी बात है ।

इसके संबंध में पहले कहा जाता था कि उबासी लेने से हमारा शरीर अच्छी हवा अंदर लेता है और गंदी हवा बाहर छोड़ता है और हमारे दिल के लिए उबासी लेना जरूरी है। पर दोस्तों के बात थोड़े समय के बाद खारीज करदी गयी ।

इसके बाद ये बताया गया कि उबासी लेने से हमारा दिमाग ठंडा हो जाता है और इसका तापमान नियंत्रित रहता है जिसकी वजह से हमारे दिमाग को ढंग से काम करने की प्रक्रिया में मदद करता है । पर दोस्तों ये भी कही जाने वाली बातें ही हैं क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं बताया गया है और हर इंसान का कारण शायद अलग भी हो सकता है ।

खैर दोस्तों इंसान खुद में ही एक रहस्य है जिसको सुलझा पाना कठिन ही है तो विज्ञान भी आखिर क्या करे !

Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

Related Articles

Back to top button