महाभारत (Mahabharat) के रहस्यों को अगर हम सही से समझने बैंटे तो हमें बहुत साल लग सकते हैं, ये विचित्र कथा रहस्यों से ही भरी है। इसमें उस युद्ध का वर्णन है जिससे लगभग एक युग ही समाप्ति की कगार पर आ गया था। दो वैभवशाली राजसी परिवारों को जिसमें धर्म और अधर्म के साथी थे उनके बीच घमासान युद्ध हुआ था जिसमें अरबों योद्धा मारे गये थे।
इस युद्ध में बताया जाता है कि करीब 166 करोड़ लोग मारे गये थे जो आज की भारत की आबादी से भी बहुत ज्यादा हैं! लेकिन मरने के उन योद्धाओं का क्या हुआ, ये बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको यही बता रहे हैं…
ये हुआ युद्ध समाप्त होने के बाद
जब पांडवों ने युद्ध जीत लिया तो सभी पांडव श्रीकृष्ण के साथ धृतराष्ट्र और गांधारी से मिलने पहुंचे। यहां धृतराष्ट्र ने भीम को मारने का प्रयास किया, लेकिन श्रीकृष्ण की सूझ-बुझ से उनकी जान बच गई। इसके बाद पांडव गांधारी से मिले, वह भी पांडवों पर क्रोधित थी, लेकिन थोड़ी देर में उनका गुस्सा भी शांत हो गया।
इसके बाद महर्षि वेदव्यास के कहने पर युधिष्ठिर सभी को साथ लेकर कुरुक्षेत्र गए। यहां पहुंचकर धृतराष्ट्र ने युधिष्ठिर से युद्ध में मारे गए योद्धाओं की संख्या पूछी तो उन्होंने बताया कि- इस युद्ध में 1 अरब, 66 करोड़, 20 हजार योद्धा मारे गए हैं। इसके अलावा 24 हजार 165 योद्धाओं की कोई जानकारी नहीं है।
युधिष्ठिर ने करवाया सभी का दाह संस्कार
युद्ध में मारे गए योद्धाओं के बारे में जानकर धृतराष्ट्र ने युधिष्ठिर को उन सभी का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा। युधिष्ठिर ने कौरवों के पुरोहित सुधर्मा और अपने पुरोहित धौम्य को तथा संजय, विदुर, युयुत्यु आदि लोगों को युद्ध में मारे गए सभी योद्धाओं का शास्त्रोत अंतिम संस्कार करने की आज्ञा दी। इसके बाद सभी गंगा तट पर पहुंचे और मृतकों को जलांजलि दी।
– महाभारत युद्ध से जुड़ा एक विचित्र रहस्य जो आप नहीं जानते..
– ये हैं महाभारत के 10 ऐसे विचित्र तथ्य, जिन्हें शायद आप भी नहीं जानते होंगे
दोस्तों, महाभारत युद्ध अपने आप में बहुत ही विचित्र युद्ध था जिसमें अनेक तरहों के दिव्यआस्त्रों का प्रयोग किया गया था। वे अस्त्र इतने खतरनाक होते थे कि आज के परमाणु हथियार भी उनके सामने टिक नहीं सकते हैं। इसी कारण से इस युद्ध में इतने योद्धाओं की अपनी जान गंवानी पड़ी थी।