
इस्लाम धर्म में 786 और हिन्दू धर्म में ॐ का बहुत ज्यादा महत्व है। लेकिन आज तक इनके बीच का रहस्य कोई सुलझा नहीं पाया। धर्म से जुड़ी हर एक बात अच्छी लगती है।
जो लोग तन एवं मन दोनों से ही खुद को धर्म के नाम पर समर्पित कर चुके हों, उनके लिए धर्म ही एकमात्र जीने का सहारा है। इसलिए जो वस्तु या शब्द या फिर स्वर उन्हें धर्म से जोड़ता हो वह उन्हें सबसे प्रिय है।
भारत जैसे देश में आपको धर्म एवं उससे जुड़ा लगाव काफी गहराई से दिखाई देगा। दुनिया के सबसे पुराने माने जाने वाले हिन्दू धर्म की ऐसी कई बातें हैं जो उसके मानने वाले श्रद्धालुओं को उसके साथ एक अटूट गांठ की तरह जोड़ती हैं।
लेकिन यह ॐ शब्द देवों के अलावा इस्लाम धर्म में प्रसिद्ध 786 अंक से कैसे जुड़ा है? जी हां, 786 अंक जिसे हर मुसलमान बेहद पवित्र एवं अल्लाह का वरदान मानता है। यही कारण है कि इस धर्म को मानने वाले लोग अपने हर कार्य में 786 अंक के शामिल होने को शुभ मानते हैं।
मकान का नंबर हो या फिर मोबाइल का नंबर, गाड़ी का नंबर हो या फिर स्वयं ही गाड़ी पर इस अंक को गुदवाना। इस्लाम धर्म में इसकी महानता इसके महत्वाकांक्षी प्रयोग से ही दिखाई देती है, लेकिन क्या आप इस अंक के उत्पन्न होने का इतिहास जानते हैं?
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