
रात में जब हम आकाश को देखते हैं तो उसकी सुंदरता और विशालता में ही खो जाते हैं। आसामान में हमें लाखों तारे एकसाथ टिमटिमाते दिखाई देते हैं जो मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन सितारों तक कैसे पहुँचा जाये, ये बात आज भी हमें चौका देती है कि हम तारों तक कैसे पहुँचे। ये इतने दुर हैं कि यदि हम साधारण यान में जाये तो करोड़ों वर्ष लग जायें।
वैज्ञानिकों के पास यही सबसे बड़ी पहेली थी कि आखिर इतने दूर प्रकाश वर्ष स्थित इन तारों और ग्रहों पर हम कैसे पहुँचे। आपको बता दें कि हमारे पास का सबसे नजदीक तारा proxima centauri है जो सूर्य से 4.5 प्रकाश वर्ष दुर स्थित है। एक प्रकाश वर्ष उस दूरी को कहते हैं जिसे लाइट एक साल में तय करती है और प्रकाश की गति एक सेकेंड में करीब 3 लाख किलोमीटर के बराबर है।
इसमें भी हमें अंतरिक्ष में दूर तक जाने में एक पेंच समाने नजर आता है कि थ्योरी आॅफ रिलेटिवटी (theory of relativity )के अनुसार कोई भी चीज प्रकाश की गति से तेज इस ब्रह्माण्ड में नहीं चल सकती है। इस हिसाब से हमें अपने सबसे नजदीक तारे में जाने में भी 4.5 साल लग जायेंगे, तो फिर आकाश गंगा को पार करने के बारे में हम बात ही नहीं कर सकते हैं।
इस स्थिति को सुलझाने के लिए ही वैज्ञानिक Wormhole की थ्योरी लाये हैं, जो एक ऐसा छेद होता है जिसमें घुसकर हम देवताओं की तरह अनंत ब्रह्माण्ड में कहीं भी आ जा सकते हैं।
वर्म होल इस अखिल विश्व ब्रह्माण्ड के वो छिद्र हैं जहाँ पर समय (Time) और आकाश (Space) की सारी ज्यामितियाँ एक हो जाती हैं अर्थात यहाँ पर समय (Time) और आकाश (Space) का परस्पर एक-दूसरे में रूपांतर संभव है | समय (Time) और आकाश (Space) की ज्यामितियाँ एक हो जाने की वजह से, इस अखिल विश्व ब्रह्माण्ड में जितनी भी विमायें (Dimensions) हैं वो सब उस ‘बिंदु’ में तिरोहित हो जाती हैं इसी वजह से इस बिंदु में प्रचंड आकर्षण शक्ति होती है |
आसान शब्दों में यह एक सुरंग की तरह ही है। सोचने में यह बहुत अजीब लगता है पर इस वीडियो को देखकर आप इसका विज्ञान तुरंत जान जायेंगे।