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हैरान कर देने वाले मानव अवशेष जो आज भी सुरक्षित रखे गए हैं

Old Humans Remains In Hindi

Old Humans Remains In Hindi  – युगों से एक ही परंपरा चली आ रही है कि इतिहास स्वयं इंसान ही लिखता है। वह जो भी अपने समय में करता है वही इतिहास की परंपरा बन जाती है जिसे सब आगे बढ़ाते हैं। इसी इतिहास को सीधे और बहुत ही सरल शब्दों में समझने के लिए हम उसी समय के दस्तावेजों, निर्माण पद्धत्ति और बचे हुए अवशेषों को आधार मानते हैं जिससे उस समय की अच्छाइयों, बुराइयों या परंपरागत दिनचर्या का मूल्यांकन कर पाएं। तो आज हम उन्ही अवशेषों की बात करेंगे जो अवशेष तो हैं पर है इंसानी अवशेष लेकिन समय की चुनौती और उम्र में हैं अदभुत और अविश्वसनीय।

1. व्लादिमीर लेनिन

वो व्यक्ति जो सम्पूर्ण सोवियत रूस में सबसे प्रसिद्ध था और जिन्होंने सोवियत रूस में साम्यवाद की नींव रखी और उसे सफल बनाया। वो कोई और नही व्लादिमीर लेनिन थे। लेनिन के प्रभावशाली व्यक्तित्व और उनकी मृत्यु के बाद उमड़ी भीड़ के कारण उनके मृत शरीर को जैसे का तैसा 1924  में मास्को में स्थित एक शहर फ्रैंक्लीन के चौराहे रेड स्क्वायर पर शीशे के एक बहुत ही खूबसूरत ताबूत में रखा गया है। ताकि उनके विचारों को मानने वाली आम जनता सदा के लिए उन्हें देखती रहे। जो लेनिन के विचारों और प्रभावशाली व्यक्तित्व का जीता जागता उदाहरण है।

2. अल्बर्ट आइंस्टीन

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विश्व के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कहे जाने वाले व्यक्तियों में आइंस्टीन का नाम सबसे पहले लिया जाता है। आइंस्टीन ने ही ऊर्जा का सूत्र दिया था। उनकी मृत्यु के बाद उनके दिमाग का प्रशिक्षण और शोध करने के लिए डॉक्टर थॉमस हार्वे ने उनके दिमाग को अवशेष के रूप में निकालकर अलग रख लिया था। जिसके लिए आइंस्टीन के बेटे ने डॉक्टर थॉमस का जमकर विरोध किया था। लेकिन उनके समझाने के बाद उन्होंने प्रशिक्षण एवं अध्ययन के लिए हाँ कर दी। जिसके बाद उनके दिमाग को अलग-अलग हिस्सों में बाँटकर प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और डॉक्टरों से उसका परीक्षण करवाया गया परंतु इसका कोई फायदा नही हुआ। 80 और 90 के दशकों में हुए एक शोध में आइंस्टीन के दिमाग को साधारण मनुष्य के दिमाग से अलग बताया गया क्योंकि आइंस्टीन के दिमाग में गलयिल नाम की कोशिका की मात्रा अधिक पाई गई। 2000 में हुए एक और परीक्षण में उनके दिमाग को सबसे अलग बताया गया लेकिन शोध के तर्क ठोस न होने के कारण उन्हें नकार दिया गया। बाद में इसे फिलेडेल्फिया के मैटर्न म्यूजियम में प्रदर्शनी के लिए रख दिया गया। जो आज भी जैसे का तैसा रखा हुआ है।

3. टॉलुंड मैन

सन 1950 में खुदाई के दौरान एक दलदल में मिले शव से सबके होश उड़ गए। बात ही कुछ ऐसी थी उस शव की कहा जाता है कि इस अद्भुत शव के गले में रस्सी बंधी हुई थी जो दलदल में पाया गया था। वैज्ञानिकों ने जब इस शव का अध्ययन किया तो जो परिणाम निकले वो हैरान करने वाले थे। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये शव 2300 वर्ष पुराना है जिसके कुछ भीतरी हिस्से सड़ने से बच गए थे जो हैरान करने वाली बात है। इस व्यक्ति के मरते समय उम्र 30 वर्ष की बताई गई थी।

शोधकर्ताओं को इस शव से उम्मीदें थी इसलिए 1976 में इस शव का दोबारा से अध्ययन शुरू किया। जिसके चलते शव को काफी हिस्सों में बांटा दिया गया। जिसके कारण खोपड़ी के हिस्से पर ज्यादा ध्यान देते हुए अलग कर दिया गया और इसे प्राचीन काल की संभवतः असली शक्ल देते हुए डेनमार्क के प्रसिद्ध म्यूजियम सिल्क बोर में रख दिया गया।

4. कॉपर वेलटेन  korperwelten Germany

कॉपर वेलटेन जिसे विश्व प्रदर्शनी भी कहा जाता है। यह जर्मनी के ब्रेंडन शहर में स्थित है। इसकी शुरुआत गंडारवें हाइगेन्स ने एक विशेष तरह की प्रक्रिया से की जिसका नाम प्लास्टिनेशन है। इस प्रक्रिया में मनुष्य की त्वचा और शरीर में मौजूद नमी को पूर्ण रूप से निकाल दिया जाता है। जिससे मनुष्य के शरीर के अंदर मौजूद मांसपेशियों और उनकी बनावट का गहरा अध्ययन किया जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए गया था। जिससे इन मानव अवशेषों को साधारण जनता के लिए प्रदर्शित किया जा सके। विभिन्न मुद्राओं में खड़े ये अवशेष बड़े ही अद्भुत और विचित्र हैं जो हमारे भीतरी शरीर का आइना है। जिससे मनुष्य अपनी भीतरी बनावट को सरलता से समझ सकता है।

– वायरल हो रही इंसानी रचना जिसने सबके होश उड़ा रखे हैं – गोल्डन ब्रिज वियतनाम

Abhinay Kanojia

अभिनय प्रसाद विज्ञानम् के लेखक हैं, इन्हें विज्ञान, इंटरनेट और Technology पर लिखना बहुत पसंद है।

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