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400 वर्ष पुराने इस मंदिर में रोज होती है एक विचित्र घटना, अनसुलझा है रहस्य

हमारा देश भारत में लाखों मंदिर हैं, जिनमेंसे कई मंदिर हजारों साल पुराने हैं तो कई प्राचीन काल के हैं। मंदिरो को भगवान का घर माना जाता है। सनातन संस्कृति के अनुसार मंदिर में भगवान वास करते हैं तो मंदिर जाकर भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।

मंदिर में वैसे तो लोग पूजा ही करते हैं, ज्यादातर मंदिर साधरण ही होते हैं पर ये मंदिर बहुत रहस्यमयी है, इस मंदिर का रहस्य इतना विशाल है कि आजतक कोई भी इसे सुलझा नहीं सका है।

आज बात करते हैं बेंगलूरु के पास 20 साल पहले मिले इस मंदिर के बारे में, जिसकी हैरान कर देने वाली जानकारी आपको रोचक अनुभव कराएगी।बात है 1997 की, उस समय खाली ज़मीन पर कुछ मज़दूर खुदाई का काम कर रहे थे। खुदाई करते समय उन्हें नंदी की एक प्रतिमा दिखी, जिसकी ख़बर उन्होंने फ़ौरन उस ज़मीन के मालिक को दी।

हिन्दू धर्म में नंदी को भगवान शिव की सवारी भी कहा जाता है। जैसे ही नंदी की मूर्ती मिलने की बात उठी, ये बात जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फ़ैल गई। इसके बाद पुरातत्व विभाग को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इस जगह को अपने अंडर ले लिया।

पुरातत्व विभाग द्वारा छानबीन के दौरान पता चला कि उस ज़मीन के नीचे 400 साल पुराना एक मंदिर है। इस मंदिर की ख़ास बात सामने आई कि नंदी की प्रतिमा के नीचे शिवलिंग है और उसके सामने एक छोटा सा तालाब भी है। मंदिर में मौजूद इस नंदी के मुंह से लगातार पानी की एक धारा निकलती रहती है जो शिवलिंग को भिगोती है।

मगर पुरातत्व विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि आखिर इतने साल बाद भी ये तकनीक काम कैसे कर रही है और नंदी के मुंह से निकलने वाला पानी आ कहां से रहा है।

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हैरानी भरा रहस्य और गहराता चला जाता है जब बता दें कि मंदिर की खुदाई आज भी जारी है मगर अभी तक इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है।

20 साल बाद भी यह मंदिर पुरातत्व विभाग के लिए एक अनसुलझी पहली की तरह है। बाकि शिव भक्त यहां पूरी आस्था ले कर आते हैं। साल के हर मौसम में यहां शिव भक्तों को तांता लगा रहता है।

Pallavi Sharma

पल्लवी शर्मा एक छोटी लेखक हैं जो अंतरिक्ष विज्ञान, सनातन संस्कृति, धर्म, भारत और भी हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतीं हैं। इन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।

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