Religion

भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर, जहां लाखों लोग दर्शन के लिए जाते हैं, मगर कोई पूजा नहीं करता है

हथिया देवाल (Ek Hathiya Deval) – भगवान शिव हिन्दुओं के प्रमुख देव हैं, उनके मंदिर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के हर कोने में दिखाई देते हैं। भगवान शिव के हर मंदिर में लाखों लोग पहुँचते हैं और मन से पूजा करके भगवान से अपने लिए कामना करते हैं।

 लेकिन हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए जाते हैं, मगर कोई पूजा नहीं करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि वास्तव में ऐसा है क्या? जी, यह बात शत-प्रतिशत सत्य है. उत्तराखंड में भगवान शिव का एक अनोखा मंदिर है, जहां लोग उनकी पूजा नहीं करते. आइए, इसकी ख़ासियत के बारे में बताते है।

देवभूमि उत्तराखंड के जनपद पिथौरागढ़ से करीब 70 किलोमीटर दूर एक गांव है, जिसका नाम बल्तिर है. इस मंदिर के बारे में बहुत सी आश्चर्यचकित कर देने वाली कथाएं और किवदंतियां प्रचलित हैं. इस अनोखे शिव मंदिर का नाम हथिया देवाल है. ब्रह्मांड का एकमात्र शिवमंदिर होगा, जहां शिव की पूजा नहीं की जाती है।

इसलिए नहीं की जाती है पूजा

यहां के निवासियों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण एक कलाकार ने अपने एक हाथ से एक रात में किया था. हालांकि, इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से नहीं है, मगर इसका ज़िक्र कई ग्रंथों में पढ़ने को या सुनने को मिलता है।

इस मंदिर के पीछे है दो कहानियां, पहली कहानी इस प्रकार से है।

एक कहानी के अनुसार, इस गांव में एक मूर्तिकार रहता था, जो बहुत ही ख़ूबसूरत मूर्तियां बनाया करता था. एक दुर्घटना में उसका एक हाथ कट गया, मगर उसने मूर्तियां बनाना नहीं छोड़ा. यह देख लोगों ने उसका मज़ाक उड़ाना शुरु कर दिया. लोगों के मज़ाक से तंग आकर मूर्तिकार ने गांव के बाहर स्थित चट्टान को काट कर एक मंदिर बना दिया. हालांकि, मूर्ति ग़लत बना दी। अनिष्ट होने के कारण लोग मंदिर की पूजा नहीं करते हैं।

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दूसरी कहानी इस तरह से है

एक बार एक प्रसिद्ध मूर्तिकार का एक हाथ राजा ने सिर्फ़ इसलिए कटवा दिया ताकि वो कोई और सुंदर इमारत ना बना सके। लेकिन उस कारीगर ने हार नहीं मानी और एक ही रात में एक हाथ से इस शिव मंदिर का निर्माण कर दिया।

Team Vigyanam

Vigyanam Team - विज्ञानम् टीम

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