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योगी आदित्‍यनाथ के बारे में इन बातों को शायद ही आप जानते हों

तन पर भगवा कपड़े लपटने वाला सन्यासी और ललाट पर प्रखर तेज ये हैं गौरखपुर के सांसद श्री योगी आदित्यनाथ जी जो कि अब उत्तर प्रदेश राज्य के नये मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।देश में मोदी के बाद अब यूपी में योगी के नारे बुलंद हो चुके हैं. चुनाव में बड़ी जीत के बाद बीजेपी ने मानो यूपी को सरप्राइज़ दे दिया हो. एक राज्य जहां मुस्लिम जनसंख्या 19.3% है, वहां एक कट्टर हिन्दू छवि वाले सीएम की घोषणा करना किसी सरप्राइज़ से कम नही।

उनका जन्म उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ. करीब 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर उन्‍होंने संन्यास ग्रहण कर लिया. विज्ञान वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की हुई है

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योगी को बहुत नजदीक से जानने वाले गोरखपुर के पत्रकार टीपी शाही कहते हैं कि योगी पूर्वांचल के सबसे बड़े हितैषी नेता और धर्मगुरु हैं. वह जहां एक तरफ हिंदू धर्म-संस्कृति के रक्षक के रूप में दिखते हैं तो दूसरी तरफ वे जनसमस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करते रहते है. पूर्वांचल में सड़क, बिजली, पानी, खेती आवास, दवाई और पढ़ाई आदि की समस्याओं से प्रतिदिन जूझती जनता के दर्द को योगी सड़क से संसद तक संघर्ष का स्वर प्रदान करते रहे हैं.

ऐसे किया छुआछूत पर प्रहार

गोरक्षनाथ पीठ की परम्परा के अनुसार योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया. सहभोज के माध्यम से छुआछूत और अस्पृश्यता की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया. इसलिए उनके साथ बड़ी संख्‍या में दलित भी जुड़े हुए हैं. गांव-गांव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया.

इसलिए लगातार पांच बार से हैं सांसद

योगी ने वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा और मात्र 26 वर्ष की आयु में भारतीय संसद के सबसे युवा सांसद बने. जनता के बीच उनकी उपस्थिति अन्‍य सांसदों से अधिक रहती है. हिन्दुत्व और विकास के कार्यक्रमों के कारण गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने उन्‍हें वर्ष 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में लोकसभा का सदस्य बनाया.

योगी आदित्‍यनाथ ने ये किताबें लिखीं

‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें लिखीं हैं. गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के वे प्रधान संपादक हैं.

योगी ने गोरखपुर की छवि बदलने की कोशिश की

अस्सी के दशक में गोरखपुर गुटीय संघर्ष एवं अपराधियों की शरणगाह बन गया था. अपराधियों के विरुद्ध आम जनता एवं व्यापारियों के साथ खड़ा होने के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के मनोबल टूटे हैं.

इन शैक्षणिक संस्‍थाओं से दे रहे योगदान

योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् द्वारा इस समय तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएं गोरखपुर एवं महाराजगंज जिले में चल रही हैं. कुष्ठरोगियों एवं वनटांगियों के बच्चों की निशुल्क शिक्षा से लेकर बीएड एवं पालिटेक्निक जैसे रोजगारपरक सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दी जा रही है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय भी काम कर रहा है।

# योगी हज़ारों मुस्लिमों को हिन्दू धर्म में परिवर्तित करा चुके हैं, इसे वो ‘घर वापसी’ का नाम देते हैं.

# योगी ने दुनिया को एक नया शब्द दिया था, ​जिसे आप ‘लव जिहाद’ के नाम से जानते होंगे.

#योगी के खिलाफ़ कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए, तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया.

#योगी अपने क्षेत्र के इलाकों का नाम बदलने में माहिर हैं. जैसे हुमायूंपुर बन गया हनुमानपुर और इस्लामपुर बन गया ईश्वरपुर। 

Team Vigyanam

Vigyanam Team - विज्ञानम् टीम

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