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प्राचीन भारतीय वास्तूकला का अद्भुत उदाहरण, एक ही पत्थर से बना है यह विचित्र मंदिर…

भारत मंदिरों का देश है, यहां हर जगह मंदिर मिलते हैं। कुछ मंदिर (Amazing Temple Of India) बहुत प्राचीन हैं तो कुछ नये। भारत में रोज मंदिर बनते हैं। मंदिरों में भगवान को पूजा जाता है। भारत में शिल्पकारों की कोई कमी नहीं थी प्राचीन काल के शिल्पकार बहुत उच्च कोटि से कमा करते थे और मंदिरों का निर्माण करते थे। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो 1200 साल पूराना है और जो सिर्फ एक ही पत्थर को काट कर बनाया गया है।

कैलाश मंदिर

कैलाश मंदिर::

कैलाश मन्दिर, एलोरा कैलाश मंदिर को हिमालय के कैलाश का रूप देने में एलोरा के वास्तुकारों ने कुछ कमी नहीं की। भगवान शिव का यह दोमंजिला मंदिर पर्वत की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है। एलोरा का कैलाश मन्दिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में प्रसिद्ध ‘एलोरा की गुफ़ाओं’ में स्थित है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मज़दूरों ने लगातार इस पर काम किया। पच्‍चीकारी की दृष्टि से कैलाश मन्दिर अद्भुत है। मंदिर एलोरा की गुफ़ा संख्या 16 में स्थित है। इस मन्दिर में कैलास पर्वत की अनुकृति निर्मित की गई है।

गुफ़ाएँ::

एलोरा में तीन प्रकार की गुफ़ाएँ हैं-
महायानी बौद्ध गुफ़ाएँ
पौराणिक हिंदू गुफ़ाएँ
दिगंबर जैन गुफ़ाएँ
इन गुफ़ाओं में केवल एक गुफ़ा 12 मंजिली है, जिसे ‘कैलाश मंदिर’ कहा जाता है। मंदिर (Amazing Temple Of India) का निर्माण राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम ने करवया था। यह गुफ़ा शिल्प कला का अद्भुत नमूना है। एक ही चट्टान में काट कर बनाए गए विशाल मंदिर की प्रत्येक मूर्ति का शिल्प उच्च कोटि का है। इन गुफ़ाओं से एक किलोमीटर की दूरी पर एलोरा गाँव है। इसी गाँव के नाम पर ये ‘एलोरा गुफ़ाएँ’ कहलाती हैं।

मूर्तिकला::

Amazing Temple Of India - एक पत्थर को काटकर बना भगवान शिव का मंदिर

कैलाश मंदिर को छोड़कर शेष मंदिर 600-750 ई. के आस-पास बने बताए जाते हैं। एलोरा की मूर्तिकला अनुपम है। गुप्त काल के बाद इतना भव्य निर्माण और किसी काल खंड में नहीं हुआ। एलोरा की गुफ़ाओं का सीधा संबंध बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म से है, इसलिए इन धर्मों के अनुयायियों की यहाँ भीड़ लगी रहती है। इसके अतिरिक्त देशी-विदेशी पर्यटकों की भी यहाँ पूरे साल चहल-पहल रहती है। इन गुफ़ाओं में इतना आकर्षण और कौशल है कि यहाँ आने वाले सभी पर्यटक इन्हें देखकर चकित हो उठते हैं। पूरा क्षेत्र बहुत खुला और शांत है। एलोरा के पास ही ‘घृष्णेश्वर महादेव’ का मंदिर है।

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भव्‍य नक़्क़ाशी::

एलोरा की गुफ़ा-16 सबसे बड़ी गुफा है, जिसमें सबसे ज़्यादा खुदाई कार्य किया गया है। यहाँ के कैलाश मंदिर में विशाल और भव्‍य नक़्क़ाशी है, जो कि कैलाश के स्‍वामी भगवान शिव को समर्पित है। कैलाश मंदिर ‘विरुपाक्ष मन्दिर’ से प्रेरित होकर राष्ट्रकूट वंश के शासन के दौरान बनाया गया था। अन्‍य गुफाओं की तरह इसमें भी प्रवेश द्धार, मंडप तथा मूर्तियाँ हैं।

अनुपम वास्तुशिल्प::

कैलाश मंदिर (Amazing Temple Of India) को हिमालय के कैलाश का रूप देने में एलोरा के वास्तुकारों ने कुछ कमी नहीं की। शिव का यह दोमंजिला मंदिर पर्वत की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है और अनुमान है कि प्राय: 30 लाख हाथ पत्थर इसमें से काटकर निकाल लिया गया है।

कैलाश के इस परिवेश में, समीक्षकों का अनुमान है, समूचा ताज मय अपने आँगन में रख दिया जा सकता है। एथेंस का प्रसिद्ध मंदिर ‘पार्थेनन’ इसके आयाम में समूचा समा सकता है और इसकी ऊँचाई पार्थेनन से कम से कम ड्योढ़ी है। कैलाश के भैरव की मूर्ति जितनी भयकारक है, पार्वती की उतनी ही स्नेहशील है और तांडव का वेग तो ऐसा है, जैसा पत्थर में अन्यत्र उपलब्ध नहीं।

Amazing Temple Of India - एक पत्थर को काटकर बना भगवान शिव का मंदिर

शिव-पार्वती का परिणय भावी सुख की मर्यादा बाँधता है, जैसे रावण का कैलाशत्तोलन पौरुष को मूर्तिमान कर देता है। उसकी भुजाएँ फैलकर कैलाश के तल को जैसे घेर लेती हैं और इतने जोर से हिलाती हैं कि उसकी चूलें ढीली हो जाती हैं और उमा के साथ ही कैलाश के अन्य जीव भी संत्रस्त काँप उठते हैं। फिर शिव पैर के अँगूठे से पर्वत को हल्के से दबाकर रावण के गर्व को चूर-चूर कर देते हैं।

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कालिदास ने कुमारसंभव में जो रावण के इस प्रयत्न से कैलाश की संधियों के बिखर जाने की बात कही है, वह इस दृश्य में सर्वथा कलाकारों ने प्रस्तुत कर दी है। एलोरा का वैभव भारतीय मूर्तिकला की मूर्धन्य उपलब्धि है।

यूनेस्को द्वारा 1983 से ‘विश्व विरासत स्थल’ घोषित किए जाने के बाद अजंता और एलोरा की तस्वीरें और शिल्पकला बौद्ध धार्मिक कला के उत्कृष्ट नमूने माने गए हैं और इनका भारत में कला के विकास पर गहरा प्रभाव है।..

Team Vigyanam

Vigyanam Team - विज्ञानम् टीम

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2 Comments

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  2. This is one of those peak point to pride. Thanks to authour.

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