
सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग ने तीन वर्षीय कार्य एजेंडे का मसौदाजारी किया। आयोग ने इस कार्य एजेंडे में अनेक सुधारों का प्रस्ताव किया है और विश्वास जताया है कि भारत 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की राह पर लौट आएगा।
एजेंडे के मसौदे में कराधान, कृषि व गवर्नेंस में सुधारों पर जोर दिया गया। यह एजेंडा पंचवर्षीय योजना प्रणाली की जगह लेगा।
पिछले साल देश में भष्ट्राचार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए पुरान 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाया गया। जिसके बाद देश में कैश विहीन लेन-देन के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया गया और डिजिटल भुगतान एक बड़े स्तर पर उभर कर सामने आया।
एक सरकारी बयान में यह बात कही गयी है। पिछले तीन सालों की उपलब्धियां का बखान करते हुए आयोग ने कहा कि उसने पट्टेदारों के अधिकारों को मान्यता देने और भूस्वामियों के हितों की रक्षा के लिए आदर्श कृषि भूमि लीज अधिनियम तैयार किया।
आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति ने मेडिकल शिक्षा के विनियमन के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद को खत्म करने और नये निकाय बनाने का सुझाव दिया है।
स्रोत-PTI